MUJAFFARNAGAR: भारत सरकार द्वारा पशुओं की नस्ल सुधार के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन अभियान चलाए जा रहे है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने नवीन मंडी स्थल पर एक कार्यक्रम आयोजित कर गोकुल मिशन कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया कि भारत सरकार द्वारा पशुओं की नस्ल सुधार के लिए हरित प्रदेश मिल्क प्रोड्यूसर संस्था और एनडीआरआई करनाल को जिम्मेदारी दी गई है. क्षेत्र में गाय और भैंस की नस्ल सुधारने के लिए पशुपालकों की मदद करेगी.
2014 में किया गया था आरंभ
दरअसल राष्ट्रीय गोकुल मिशन को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा 28 जुलाई 2014 को आरंभ किया गया था. इस योजना के माध्यम से स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्ल के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित किया जाएगा. वर्ष 2014 में इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2025 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया था. सन 2019 में इस योजना के बजट को 750 करोड़ रुपया से बढ़ा दिया गया. इस मिशन के माध्यम से स्वदेशी दुधारु पशुओं की अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिससे कि पशुओं की संख्या में भी वृद्धि होगी. इसके अलावा दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जाएंगे.

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी गौवंश पशुओं की नस्ल में सुधार करना है. इसके अलावा उचित संरक्षण तथा दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना एवं उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. इसके अलावा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के माध्यम से अनुवांशिक संरचना में सुधार करने के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिससे कि दुधारु पशु की संख्या में वृद्धि हो सके. इस योजना के माध्यम से लाल सिंध, गिर, थारपरकर और सहीवाल आदि जैसी उच्च कोटि की स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके अन्य नस्लों की गायों का विकास किया जाएगा. कृषकओ के दुधारु पशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण कृतिम गर्भाधान की सुविधा उनके घर पर उपलब्ध करवाई जाएगी. इसके अलावा इस मिशन के अंतर्गत अनुवांशिक योगिता वाले सांड का वितरण किया जाएगा. छोड़ देंगे हरित प्रदेश मिल्क प्रोड्यूसर संस्था और राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान परिषद करनाल मुजफ्फरनगर में पशुओं की नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाकर नस्ल सुधारने का काम करेंगी.