Ranchi: राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विशेष संदर्भ में भारत को गौरवान्वित करने में झारखंड की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित किया. कहा कि झारखंड प्राकृतिक एवं खनिज संपदाओं से समृद्ध हैं. यहां कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, यूरेनियम, चूना पत्थर, डोलोमाइट, मैग्नेटाइट, ग्रेफाइट, तांबा, अभ्रक आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. देश के कुल खनिजों का लगभग 40% हमारे राज्य में उपलब्ध है. राज्य के 29% से अधिक भाग वनों से आच्छादित हैं, जो देश में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं.. और यह राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है.
राज्यपाल ने आगे कहा, यहां युवक-युवतियों में कार्य करने की अपार क्षमता है, वे अत्यंत परिश्रमी हैं. वे दूसरे राज्यों में जाकर तकनीकी ज्ञान /प्रशिक्षण प्राप्त कर औद्योगिक इकाईयों में कार्य कर रहे हैं. कोयंबटूर में हजारों की संख्या में यहां के लोग कार्य कर रहे हैं. उनमें इतनी प्रतिभा हैं कि झारखंड में स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं, आवश्यकता है बढ़ावा देने की. इसके लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालय एक साथ इकट्ठा होकर नए अभिनव विचार साझा कर सकते हैं, उस पर मंथन कर लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में गिलोय संस्करण प्लांट की स्थापना से प्रेरणा लेनी चाहिए. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को बढ़ावा देना होगा.
राज्यपाल ने कहा कि विगत वर्षों में कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये गए हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. कृषि के क्षेत्र में ”वैल्यू एडेड प्रोडक्ट” के उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि होगी. ”स्वयं सहायता समूह” को कृषि क्षेत्र से जोड़कर इस दिशा में कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने झारखंड भ्रमण के दौरान कई ”स्वयं सहायता समूह” को अच्छा कार्य करते हुए देखा है.
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड राज्य भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू, चाँद-भैरव, फूलो झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, नीलांबर-पीतांबर जैसे कई महान स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि व स्वभिमान की रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया और देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. राष्ट्र के लिए इन महान विभूतियों का बलिदान सदैव सभी के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा.