- ताजपुर जिला अधिकारी ने चखा एटम बम का स्वाद
- मिठाई और सिक्की आर्ट को GI टैग दिलाने की कवायद
- GI टैगिंग से विश्व स्तर पर मिलेगी पहचान
Saran: बिहार के सारण में स्थित ताजपुर के एटम बम को जल्द ही GI टैग मिलने वाला है. जी हाँ आप सोच रहे होगे ये एटम बम आखिर है क्या… आपको बता दू कि ये एक मिठाई है जिसे सरकार से GI टैग दिलाने के लिए पहल शुरू किया गया है.जी आई टैग एक प्रकार की मोहर है जो किसी भी उत्पाद के लिए प्रदान किया जाता है. जी आई मिल जाने पर उस उत्पाद विश्वसनीयता बढ़ जाती है.
सिक्की से बनी कलाकृतियाँ मनमोहक होती
सारण के ताजपुर की मिठाई के साथ साथ सिक्की आर्ट के लिए भी GI टैगिंग की पहल की गई है . आपको बता दे की सिक्की एक तरह की घास (खर) होती है, जो नदी और तालाबों के किनारे पाई जाती है. यह घास सड़कों और तालाबों के किनारे भी देखी जाती है. सिक्की से बनी कलाकृतियाँ मनमोहक होती है . ये कला देश के साथ विदेश में भी खूब पसंद की जाती है.
जीविका दीदी के समूह को किया गया सम्मानित
सारण के मांझी प्रखंड के बरेजा पंचायत भवन पर जिला अधिकारी अमन समीर द्वारा ताजपुर के एटम बम मिठाई और सिक्की आर्ट का अवलोकन किया गया. इस दौरान उन्होंने मिठाई का स्वद भी चखा.अब सारण राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान होगी. बता दे की सिक्की आर्ट के लिए जिला अधिकारी अमन समीर ने जीविका दीदी के समूह को पेन और टोकरी देकर सम्मानित किया गया. ताजपुर की एटम बम मिठाई को लजीज बनाने का गुर दुकानदार नंदन कुमार सिंह के दादा ने सिखाया था। इनके पिता ने भी इसे आगे बढ़ाया और अब उस परम्परा को नंद कुमार आगे बढ़ा रहा हैं.
खाजा मिठाई का राजा
सिलाव का खाजा बिहार की पहली मिठाई है. जिसे जी आई टैग मिला था. वैसे भी खाजा को मिठाई का राजा कहा जाता है. आज बिहार का खाजा देश विदेश में प्रसिद्ध है. इसके साथ ही बिहार की लीची, जरदालू आम , मगही पान , कतरनी चावल भी जी आइ टैग हासिल कर चुका है.
Published By: Neha Rajput