New Delhi: रूस का मून मिशन लूना-25 असफल हो गया. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को इसकी पुष्टि की. बताया कि लूना-25 अंतरिक्ष यान इच्छित कक्षा की बजाय अनियंत्रित कक्षा में चला गया, इस वजह से चंद्रमा से टकराकर वह नष्ट हो गया. बता दें कि चांद पर सुरक्षित लैडिंग को लेकर लूना-25 का मुकाबला भारत के चंद्रयान-3 से था. रूसी अंतरिक्ष यान को भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ही लैंड करना था, लेकिन वह मिशन फेल हो गया. 47 वर्षों के बाद रूस का पहला मून मिशन था. रूस का मून मिशन फेल होने के बाद अब दुनियाभर की नजरें भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 पर टिकी हैं.
लैंडिंग से पहले आई तकनीकी खराबी
बता दें कि इससे पहले शनिवार को ही खबर आई थी कि रूस के मून-मिशन लूना-25 में लैंडिंग से पहले तकनीकी खराबी आ गई है. जिसके बाद रूस की अंतरिक्ष एजेंसी में हड़कंप मच गया था, लेकिन मानवरहित यान की निर्धारित लैंडिंग से एक दिन पहले उसके क्रैश होने की पुष्टि हो गई. लूना- 25 की लॉन्चिंग के दौरान वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि यह जमे हुए पानी और कीमती तत्वों का पता लगा सकता है. हालांकि यह मिशन पूरा होने से पहले फेल हो गया.
चंद्रयान-3 के बाद रूस ने लॉन्च किया था मून मिशन
रूस के चांद की ओर स्पेसक्रॉफ्ट भेजने के कुछ दिन पहले भारत ने भी अपना चंद्रयान-3 भेजा था. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों का लक्ष्य चांद के उस हिस्से में लैंडिंग करना निर्धारित किया गया, जहां आज तक कोई भी सफलतापूर्वक लैंडिंग नहीं कर पाया है.
200 मिलियन डॉलर गए पानी में
वैसे तो रूस ने लूना-25 के बजट का अधिकारिक ऐलान नहीं किया, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन पर रूस ने करीब 200 मिलियन डॉलर (16,63,14,00,000 रुपये) खर्च किए थे. यह निवेश यान के विशिष्ट डिजाइन, सुविधाओं और फंक्शनैलिटी पर किया गया था. यानी इस मिशन के फेल होने से रूस को 16 अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.