एस. जयशंकर से पूछा गया कि मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद भारत लगतार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है…? इस पर जयशंकर ने कहा, “यह समस्या क्यों होनी चाहिए? मैं इतना स्मार्ट हूं कि मेरे पास कई विकल्प हैं.
नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन से इतर महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ पश्चिम एशिया, यूक्रेन और हिंद-प्रशांत की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की. इस दौरान एस. जयशंकर से जब देश की विदेश नीति की प्राथमिकताओं के बारे में इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में पूछा गया कि भारत “गुटनिरपेक्षता से एकत्रीकरण की ओर” बढ़ रहा है, तब उन्होंने कहा कि कई विकल्प रखने के लिए भारत की आलोचना नहीं की जानी चाहिए.
“मैं इतना स्मार्ट हूं… मेरे पास कई विकल्प”
एस. जयशंकर से पूछा गया कि मास्को के यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद भारत लगतार रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है…? इस पर जयशंकर ने कहा, “यह समस्या क्यों होनी चाहिए? मैं इतना स्मार्ट हूं कि मेरे पास कई विकल्प हैं. आपको इसके लिए मेरी तारीफ करनी चाहिए, आलोचना नहीं. क्या यह दूसरों के लिए समस्या है? मुझे ऐसा नहीं लगता.” जयशंकर ने कहा, “अच्छे साझेदार विकल्प प्रदान करते हैं, स्मार्ट साझेदार उनमें से कुछ विकल्प अपनाते हैं.”
विभिन्न देशों के अलग-अलग इतिहास और चुनौतियां
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने देशों के सामने आने वाले विभिन्न तनावों और दबावों के बारे में बताया और कहा कि विभिन्न देशों के अलग-अलग इतिहास और चुनौतियां हैं और एक आयामी संबंध रखना बहुत कठिन है. उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि आप, अनजाने में भी यह आभास दें कि हम पूरी तरह से और बिना भावनात्मक रूप से लेन-देन के कुछ करते हैं. हम लोगों के साथ मिलते हैं, हम चीजों में विश्वास करते हैं, हम चीजों को साझा करते हैं… लेकिन कई बार ऐसा होता है जब आप विभिन्न स्थानों पर स्थित, विकास के विभिन्न स्तर, विभिन्न अनुभव, यह सब इसमें शामिल हो जाता है, तो जीवन जटिल है, जीवन कुछ अलग हो जाता है.”
हमास के आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा
विदेश मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमलों को भी “आतंकवाद” बताया, लेकिन साथ ही तेल अवीव की प्रतिक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि मानवीय कानून का पालन करना इजरायल का अंतरराष्ट्रीय दायित्व है. उन्होंने फिलिस्तीन मुद्दे पर “दो-राज्य समाधान” की भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति पर भी प्रकाश डाला. 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए अभूतपूर्व हमले के प्रतिशोध के तहत इजरायल ने गाजा में अपना सैन्य आक्रमण जारी रखा है. भारत ने हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और स्थिति को सामान्य करने का आह्वान किया.
गैर-पश्चिम और पश्चिम-विरोधी होने के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण
एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समूह की शुरुआत ऐसे युग में हुई, जब पश्चिमी प्रभुत्व बहुत मजबूत था. जयशंकर ने कहा कि पिछले साल लगभग 30 देशों ने ब्रिक्स का हिस्सा बनने में रुचि दिखाई, क्योंकि उन्हें इसमें मूल्य नजर आया. उन्होंने कहा, “हमने जरूर कुछ अच्छा किया है.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि गैर-पश्चिम और पश्चिम-विरोधी होने के बीच अंतर करना आज महत्वपूर्ण है. मैं निश्चित रूप से भारत को एक ऐसे देश के रूप में चित्रित करूंगा जो गैर-पश्चिम है, लेकिन जिसके पश्चिमी देशों के साथ बेहद मजबूत संबंध हैं जो बेहतर हो रहे हैं.