दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में ऑड-ईवन योजना को लागू करने की योजना तैयार करने के लिए दिल्ली सचिवालय में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
Air pollution in Delhi-NCR: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह 7 बजे तक राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 395 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को तत्काल पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि हर समय राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने पंजाब से कहा, “हम चाहते हैं कि यह पराली जलाना बंद हो। हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है लेकिन इसे रोका जाना चाहिए। तुरंत कुछ करना होगा।” सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिवों से पूछा कि क्या राज्यों को प्रदूषण के मुद्दे पर भौतिक रूप से या ज़ूम के माध्यम से बैठक करनी चाहिए।
ऑड-ईवन जैसी योजनाएं महज दिखावा- सुप्रीम कोर्ट
वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि वीकेंड में पंजाब से यात्रा करते समय उन्होंने सड़क के दोनों ओर बड़े पैमाने पर आग देखी। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए वाहनों के लिए ऑड-ईवन जैसी योजनाएं महज दिखावा हैं। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि नगरपालिका का ठोस कचरा खुले में नहीं जलाया जाए। दिल्ली को साल-दर-साल इस दौर से नहीं गुजरने दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई शुक्रवार, 10 नवंबर को तय की है।
अदालत ने कहा कि सब कुछ पेपर पर ही चल रहा
पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, “दिल्ली में साल दर साल ये नहीं हो सकता। सब कुछ पेपर पर ही चल रहा है। प्रदूषण को रोकने के लिये सभी राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आदेश जारी कर रखा है, लिहाजा आज कोई राज्य ये नहीं कह सकता है कि उनके पास आदेश नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करना और उसका पालन होते हुए दिखना चाहिए।”