News Desk :देश के लगभग एक करोड़ से ज्यादा केन्द्रीय कर्मियों के लिए राहत की खबर है… एक बार फिर इनके डीयरनेस अलाउंसेज में 4 फीसद की बढोतरी होने वाली है… समझा जा रहा है कि जी 20 शिखर सम्मेलन के बाद केन्द्रीय कैबिनेट की होने वाली बैठक में इसपर मुहर लग सकती है… अगर एसा हुआ तो गुजरे 120 दिनों में केन्द्रीय कर्मियों का महेंगाई भत्ता बढ़कर46 प्रतिशत तक हो जाएगा…
क्या कहता है वित्त आयोग
सातवें वित्त आयोग की रिपोर्ट बताती है कि अभी अगर महंगई भत्ते में 4 फीसद उजाफा होता है तो बाकी के भत्ते खुद ब खुद 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे। दरअसल डीए बढ़ाने से पहले अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) का अध्ययन किया जाता। साल 2023 के दरमियान यह सूचकांक जुलाई में 3.3 अंक बढ़कर 139.7 अंकों के स्तर पर पहुंच चुका है। जबकि जून, 2023 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 1.7 अंक बढ़ कर 136.4 पर रहा था।
निर्णय केंद्रीय कैबिनेट लेगा
परम्परा रही है कि हर साल जनवरी और जुलाई में डीए-डीआर बढ़ता है। हालांकि इस बाबत अंतिम निर्णय केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ही लिया जाएगा। वैसे लंबे समय से सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर यानी ‘महंगाई भत्ते व महंगाई राहत’ में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। मौजूदा समय में केंद्रीय कर्मचारियों को 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) के तहत जारी आंकड़ें बता रहे हैं कि कर्मियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो सकती है। यानी कर्मियों के डीए/डीआर की दर 46 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं।
कैसे बढ़ते हैं सूचकांक
अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सूचकांक में दर्ज बढोतरी में ज्यादातर भूमिका खाद्य और पेय पदार्थ समूह का रहा है। 2.86 फीसदी के औसत से बदलाव से इन पदार्थों बाजार को प्रभावित किया है। कई तरह के खाद्य पदार्थों, दलहन, सब्जियां, सूती कपड़ों, चमड़े के सामान, दवा आदि वस्तुएं सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे हैं। इसके विपरित मुख्यत: बिजली (घरेलू प्रभार) और मिट्टी का तेल आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित किया है।