New delhi : मणिपुर हिंसा को लेकर मंगलवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा पर बहुत से तथ्य लोकसभा में रखे। उन्होंने कहा, सरकार की विफलता के कारण मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो चुकी है। लगभग 5,000 घर जला दिए गए। 60 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं। पुलिस ने 6500 एफआईआर दर्ज की हैं। गोगोई ने कहा, लोगों के हाथ में 35 पुलिस थानों और ट्रेनिंग सेंटरों से लूटे गए लगभग 5,000 से ज्यादा हथियार हैं। ये सभी युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियार हैं। करीब छह लाख से ज्यादा कारतूस भी लोगों के पास हैं। मणिपुर सरकार की ओर से लूटे गए हथियारों की बरामदगी को लेकर कई दफा बयान जारी किया गया है। उसमें हथियारों की बड़े पैमाने पर बरामदगी दिखाई है। हैरानी की बात है कि गत सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर सरकार ने केवल ‘197’ हथियारों की बरामदगी स्वीकार की है।
लूटे गए हथियारों की संख्या 5000 के पार
मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी, तब से लेकर अब तक कई बार पुलिस थानों एवं ट्रेनिंग सेंटर से हथियार लूटे जा चुके हैं। मौजूदा समय में लूटे गए घातक हथियारों की संख्या लगभग 5,000 बताई जा रही है। तीन अगस्त की सुबह बिश्नुपुर जिले के नरसेना में स्थित इंडिया रिजर्व बटालियन ‘आईआरबी’ 2 के हेडक्वार्टर से लगभग 500 उपद्रवियों ने 400 से अधिक घातक हथियार लूट लिए थे। 45 गाड़ियों में सवार होकर आए लोगों ने आईआरबी से हथियारों के साथ लगभग 22000 गोलियां भी लूट ली थीं। कांग्रेस पार्टी के सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा शुरू करते हुए यह मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, 35 पुलिस थानों और ट्रेनिंग सेंटर से लूटे गए पांच हजार से अधिक हथियार लोगों के पास हैं। क्या ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्रा नहीं है। ये गोलियां किस पर चलेंगी। पुलिस या सुरक्षा बलों पर चलेंगी, निहत्थे लोगों पर चलेंगी। ये हथियार और गोला बारूद, मणिपुर तक सीमित नहीं रहेंगे। भारत के अलग-अलग हिस्सों में इन्हें पहुंचाया जा सकता है। ऐसे में वहां भी अशांति का वातावरण पैदा होगा। पीएम को यह स्वीकार करना होगा, उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल रही है। मणिपुर में राहुल गांधी गए, केंद्रीय गृह मंत्री गए, गृह राज्य मंत्री गए, लेकिन पीएम नहीं गए, ऐसा क्यों।
ये है लूटे गए हथियारों की बरामदगी का गणित
मणिपुर सरकार द्वारा गत सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई स्टेट्स रिपोर्ट में कहा था, अभी तक हुई सर्च में चोरी के 197 हथियार, 40 बम और 2092 गोला बारूद बरामद हुआ है। इनमें 121 हथियार, 40 बम और 2,092 कारतूस घाटी से बरामद किए गए हैं, जबकि 76 हथियार, 30 बम और 104 कारतूस, हिल एरिया से बरामद हुए हैं। मणिपुर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जून को पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियारों और गोली बारूद को वापस जमा कराने की अपील की थी। उनकी अपील के एक ही दिन बाद लगभग 140 हथियार जमा हो गए। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार एवं सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह की तरफ से यह जानकारी दी गई थी। बीस जुलाई को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था, लगभग 1,600 हथियार बरामद कर लिए गए हैं। इससे पहले 13 जून को कुलदीप सिंह द्वारा जारी प्रेस रिलीज में 1040 हथियार बरामद हुए हैं। इनके साथ 230 बम और 13,601 गोला बारूद भी बरामद हुआ था। इसके बाद 24 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अपनी बैठक में बताया था कि अब तक 1800 लूटे गए हथियार जमा कराए जा चुके हैं। एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में दी स्टेट्स रिपोर्ट में 197 हथियारों की बरामदगी होने की बात कही गई है।
एके 47, एलएमजी, इंसास व कार्बाइन लूटी गई
मणिपुर में 3 अगस्त की सुबह बिश्नुपुर जिले के नरसेना में स्थित इंडिया रिजर्व बटालियन ‘आईआरबी’ 2 के हेडक्वार्टर से लगभग 400 घातक हथियार लूट लिए गए। उपद्रवी बड़ी संख्या में हथियारों की मैगजीन भी साथ ले गए। सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए 327 राउंड फायर करने की बात कही है। यह घटना तब हुई है जब मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में सेना, असम राइफल, अर्धसैनिक बल और लोकल पुलिस की तैनाती है। लूटे गए हथियारों में एके 47 राइफल, घातक राइफल, एक्स केलिबर राइफल, इंसास राइफल, 5.56 एमएम इंसास एलएमजी, एमपी-5 कार्बाइन, 7.62 एमएम एसएलआर, एसएमसी कार्बाइन, 7.62 एमएम एलएमजी, .303 एलएमजी, डे लाइट टेलीस्कॉप इंसास एलएमजी, 51 एमएम मोर्टार, हैंड ग्रेनेड, एएमओजीएच कार्बाइन, वीएल पिस्तोल, बीपी जैकेट लाइट वेट और वीएल कारतूस इल्यूमिनेटिंग सहित भारी मात्रा में गोला बारूद शामिल है।