Hindenburg Research Report: शनिवार की देर शाम से हीं अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से देश भर में हंगामा मचा हुआ है. इस नए रिपोर्ट में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी बताया गया है, जिससे देश भर भूचाल मचा हुआ है.
SEBI प्रमुख और अडानी ने आरोपों को बताया निराधार
हालांकि, SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने अपन ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि इसमें कोई सच्चाई नही है. वहीं गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किए गए दावों को सिरे से खारिज कर दिया
SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने कहा, ‘हमारा जीवन और वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यक सभी खुलासे पहले ही सेबी को सौंप दिए गए हैं, हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’
अडानी समूह ने भी किया खंडन
अडानी समूह ने भी अपने ऊपर लग रहे आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों का या जिन मामलों का जिक्र किया गया है, उनसे कमर्शियली अडानी समूह का कोई लेना-देना नहीं है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुछ विदेशी फंड में विनोद अडानी व उनके करीबी सहयोगियों और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच दोनों ने निवेश किया था.
नई रिपोर्ट जारी करने के बाद हिंडनबर्ग ने कहा था, अदाणी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने बीत चुके हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि भारतीय कारोबारी समूह (अदाणी) कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाले में संलिप्त रहा है। हालांकि, ठोस सबूतों और 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांच के बावजूद सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई के बजाय जून, 2024 में सेबी ने हमें एक स्पष्ट ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा।
क्या है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट?
10 अगस्त को जारी नवीनतम हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधबी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।