जेडी(एस) के राज्य प्रमुख इब्राहिम लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ पार्टी के गठबंधन के खिलाफ विधायकों को एकजुट कर रहे हैं. उनका दावा है कि जेडी(एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने ‘दबाव’ में काम किया.
बेंगलुरू: कर्नाटक में आगामी लोक सभा चुनावों के मद्देनज़र जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक एचडी देवेगौड़ा के बीजेपी के साथ गठबंधन करने के फैसले को लेकर पार्टी में अलग अलग विचार दिख रहे हैं. राज्य के पार्टी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीएम इब्राहिम ने इसे लेकर विद्रोह की संभावना का ज़िक्र किया है.
इब्राहिम ने मंगलवार को दिप्रिंट से एक विशेष बातचीत में कहा, ”जेडी(एस) विधायक भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते हैं. या तो वे स्वतंत्र रहना चाहते हैं या वे इंडिया (कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के गठबंधन) के साथ जाना चाहते हैं. ऐसा ही माना जाता रहा है.”
उन्होंने कहा: “अगर कोई सेक्युलर स्टैंड नहीं है, तो मुसलमान साथ नहीं रहेंगे. सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं, वोक्कालिगा भी पार्टी के साथ नहीं रहेंगे.”
इब्राहिम के अनुसार, कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया, गौड़ा ने “दबाव” में इसे स्वीकार कर लिया, और पार्टी के अन्य प्रमुख नेताओं को इस पूरे समीकरण से बाहर कर दिया गया.
दरअसल क्षेत्रीय पार्टी जेडी(एस) ने पहले भी भाजपा और कांग्रेस दोनों के साथ गठबंधन किया है और इस वक्त वह अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है. 2023 के विधानसभा चुनावों में, पार्टी की सीटें 224 से घटकर 19 रह गईं और उसका वोट शेयर 2018 में 18 प्रतिशत से घटकर लगभग 13 प्रतिशत हो गया.