New Delhi : केंद्र सरकार ने आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं. इस मुद्दे पर निर्णय निर्वाचन आयोग को लेना है. सरकार ने यह बात केंद्रशासित प्रदेश में चुनावी लोकतंत्र और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली पर एक प्रारूप प्रस्तुत करते हुए कही.
जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे
CJI डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय भारत निर्वाचन आयोग और राज्य चुनाव आयोग को लेना है. श्री मेहता ने पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन स्तरों पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और फिर विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा.
जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है
इससे पूर्व केंद्र सरकार ने 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति स्थायी नहीं है और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगी. बता दें कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सरकार से पूर्ववर्ती राज्य में चुनावी लोकतंत्र की बहाली के लिए एक विशिष्ट समयसीमा निर्धारित करने को कहा था.