BOKARO: सरकार की ओर से ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के दावे किए जाते है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। मामला बोकारो के चंद्रपुरा प्रखंड के पंचायत सीजुआ कि है .जहाँ 2014 में बेरमो विधायक रहे राजेंद्र सिंह, स्वास्थ मंत्री के कार्यकाल के समय प्राथमिक स्वास्थ केंद्र का शिलान्यास किया गया था. जिसकी लगत 2 करोड़ 97 हज़ार थी.
राजनीतिक शिकार हो गया स्वास्थ केंद्र

वर्ष 2015 में यह स्वास्थ केंद्र बनकर तैयार भी हो गया और स्वास्थ विभाग को सौंप दिया गया. लेकिन 2015 में विधानसभा चुनाव होने से इसका उद्घाटन नही हो सका । इस चुनाव में राजेंद्र सिंह को हार का सामना करना पड़ा और बेरमो की जनता ने योगेश्वर महतो बाटुल की जीत दिलाई और बेरमो का विधायक बनाया । यह कही से कहना गलत नही होगा कि स्वास्थ केंद्र राजनीतिक का शिकार हो गया और स्वास्थ केंद्र का स्वास्थ बिगड़ गया और अधर में लटक गया ।
आवारा पशुओं का तबेला बना स्वास्थ केंद्र

इस स्वास्थ केंद्र की खिड़की, दरवाजा, लोहे की सीढ़ी की रेलिंग इन सभी पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया । वहीं यह स्वास्थ्य केंद्र आवारा पशुओं का तबेला में तब्दील हो गया.
स्वास्थ केंद्र खुद बीमार हो गया
जिस उद्देश्य से इस स्वास्थ्य केंद्र को बनाया गया था ठीक उसके विपरीत हो गया और यह स्वास्थ केंद्र खुद बीमार हो गया. इस स्वास्थ केंद्र को राज्य सरकार की दवा की जरूरत है. दवा इसलिए कह रहे हैं की इसे चालू कर आमलोगों के लिए तैयार किया जाय । इसी कारण चंद्रपुरा प्रखंड के लोगो को इस स्वास्थ केंद्र का लाभ नहीं मिल सका है और लगभग लाखों की जनसंख्या वाला ये प्रखंड स्वास्थ सेवा से महरूम है. अगर इस प्रखंड में कोई बीमार पड़ता है तो दूर दराज़ जाना पड़ता है ।

किसी का भी ध्यान नहीं
वहीं पूर्व प्रमुख रही अनिता देवी का कहना है की इस मामले को लेकर डीसी, सीएस इन सभी को ध्यान आकृष्ट कराया लेकिन इस स्वास्थ केंद्र पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. वहीं ग्रामीण ने कहा कि इस स्वास्थ केंद्र के बारे में वर्तमान विधायक अनूप सिंह को भी अवगत कराया लेकिन उन्होंने भी इस पर कुछ ध्यान नही किया